Sunday 1 March 2020

स्वास्थ्य के लिए अत्यंत हानिकारक है "चिन्ता"

चिंता (Anxiety) विश्वव्यापी एक व्यक्तिगत समस्या है और यह सभी भली-भांति जानते हैं कि चिन्ता स्वास्थ्य के लिए अत्यंत हानिकारक है। लेकिन इसकी यह भी वास्तविकता है कि चिन्ता (Anxiety) बच्चा हो, बूढ़ा हो या जवान सभी की समस्या है। चिन्ता (Anxiety) को चिता के समान कहा जाता है क्योंकि चिन्ता हमारे मन को रोगग्रस्त कर स्वास्थ्य को हानि पहुंचाती है। वैसे चिंताएं कई प्रकार की होती हैं जैसे पारिवारिक, सामाजिक, आर्थिक, राष्ट्रीय आदि, जिनमें 80 प्रतिशत चिन्ताएं आर्थिक दुर्बलता के कारण उत्पन्न होती हैं। चिन्ता के संबंध में एक प्रसिद्ध विचारक का तो यहां तक कहना है कि- ''व्यक्ति काम कर से नहीं मरता, बल्कि चिन्ता (Anxiety) उसे मार डालती है। काम करने से स्वास्थ्य ठीक बना रहता है किन्तु चिन्ता तो ब्लेड पर लगे जंग जैसी होती है। मशीन के कलपुर्जे, उसके चलने से नहीं खराब होते बल्कि यदि कलपुर्जे आपस में रगड़ खा रहे हों तो बहुत शीघ्र ही वे बेकार हो जाते हैं।

चिन्ता से होने वाली हानियां- (Losses due to concern)

1. चिन्ता (Anxiety) मानव शरीर के नाड़ी संस्थान का संतुलन बिगाड़ देती है।
2. चिन्ता (Anxiety) हमारी शक्ति का ह्रïास करती है।
3. चिन्ता (Anxiety) विचार शक्ति को भ्रमित कर आकांक्षाओं को कुंठित करती है।
4. चिन्ता (Anxiety) व्यक्ति को रोगग्रस्त कर उसके स्वास्थ्य का ह्रïास कर उसे अल्पायु बनाती है।
5. व्यर्थ चिन्ताएं हमारी कार्य क्षमता को नष्ट करती हैं।
6. चिन्ता (Anxiety) हमें अपराध की ओर प्रेरित करती है।
7. चिन्ता (Anxiety) व्यक्ति में आत्मविश्वास समाप्त कर उसे आत्महत्या जैसे कृत्य करने की ओर प्रेरित करती है।

चिन्तामुक्ति के सरलतम उपाय- (Simplest remedies for anxiety) 

1. संतोष चित की वस्तु है उसे आप थोड़े से प्रयत्न के उपरान्त पा सकते हैं।
2. वर्तमान स्थिति पर संतोष कर आगे बढ़ते हुए सफलता प्राप्ति का प्रयास करें।
3. दूसरों से घृणा, द्वेष रखने व अन्य की सफलता से जलने के विपरीत परिश्रम द्वारा उन्नति का मार्ग प्रशस्त करें।
4. चिन्ता मुक्ति के लिए हर विपरीत परिस्थिति में संयमित और प्रसन्नचित रहने का प्रयास करें।
5. अपनी चिन्ताओं को सीमित करें।
6. कर्म करें फल की चिन्ता न करें।
7. व्यस्त रहें।
8. असंभव को संभव बनाने की व्यर्थ चेष्ठा कर स्वयं को चिन्ताग्रस्त न करें।
9. असफलता मिलने पर निराश या चिन्तित न हों बल्कि पुन: उत्साह से सफलता प्राप्त करने का प्रयास करें।

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