Monday 27 January 2020

सिर्फ हंगामा खड़ा करना ही मेरा मकसद है....

विश्व के सबसे शक्तिशाली देश की सूची में शुमार भारतीय गणतंत्र को आज राजनीतिक कटुता, कठोरता और कुरूपता का काला और घिनौना ग्रहण लगता जा रहा है। जनता को समर्पित और जनहित को संकल्पित जन-प्रतिनिधी सत्ता की लोलुपता के कारण संस्कारहीन होते जा रहे हैं। नैतिकता विहीन राजनीतिज्ञ स्वार्थवादिता और कपट के कारण देश के राष्ट्रीय चरित्र को साम्प्रदायिकता और प्रान्तीयता की छुरी से काटकर लहुलुहान करने पर उतारू हैं। जिस प्रकार सत्ता खूंखार और दमनकारी नीति अपनाकर भोली-भाली जनता को बहकाकर दम घोंटू वातावरण, टूटन, बिखराव, उदासी, अशांति फैला रहे हैं। जिस प्रकार नागरिकता कानून को लेकर देश हो या विदेश में गलत भ्रांति फैलाई जा रही है, यह लोकतंत्र के भविष्य के लिए अशुभ संकेत है। 

नागरिकता कानून को लेकर वर्तमान में चल रहे प्रदर्शनों में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के बैंक खातों का खुलासा होने पर सच्चाई सामने आई है कि पीएफआई ने इन कानून का विरोध करने के लिये जबर्दस्त फंडिग उपलब्ध करवाई है। यह संगठन उत्तरप्रदेश समेत 7 राज्यों में सक्रिय है और देश के अमन-चेन को खराब करने पर तुला हुआ है। इस संगठन की फंडिंग का फायदा कई राजनीतिज्ञ ने भी उठाया है। वह इसकी आड़ में भोली-भाली जनता को बरगलाकर, पैसों का लालच देकर हिंसा, प्रदर्शन करवा रहे हैं और अपनी राजनीतिज्ञ रोटियां सेक रहे हैं। यहां तक कि इस संगठन के लोगों ने कानूनी कार्रवाई से बचने के लिये कई वकीलों को भी पैसे दिए हैं। इस संगठन के कई सदस्य पूर्व में प्रतिबंधित संगठन सीमी के सदस्य रहे हैं। यह संगठन इस्लामिक कट्टरता को बढ़ावा दे रहा है और कई गैर-कानूनी गतिविधियों में शामिल है। इस संगठन के कई लोग जिहादी आतंकियों के भी संपर्क में हैं और आईएसआईएस की तर्ज पर इस्लामिक कट्टरवाद को बढ़ावा दे रहा है। 
राजनीतिक दल एक दूसरे के खिलाफ आरोपों-प्रत्यारोपों का सिलसिला बदस्तूर जारी रखे हैं। रोजाना टी.वी. पर डिबेट शो कर रहे हैं पर देश के प्रति माहौल ठीक करने के बजाये और खराब करने पर उतारू हैं। देश विरोधी बयानों को लेकर डिबेट कर रहे हैं परंतु जो देश विरोधी बयान दे रहा है उसे गिरफ्तार नहीं कर पा रहे हैं। उसे गिरफ्तार कर भी लेंगे तो फिर उसकी गिरफ्तारी क्यों हुई, के लिये प्रदर्शन करेंगे। 

कहा जाये तो इस संगठन या इस संगठन की आड़ में नागरिकता संशोधन काननू का विरोध करने वाले लोगों के इरादे ठीक नहीं हैं। उन्हें दूसरे देश में रह रहे अल्पसंख्यक लोगों की चिंता नहीं है, उनको तो खुद के गलत काम बंद होने और बिस्तर बोरिया उठाकर जाने का डर सता रहा है। यह लोग सुनियोजित ढंग से साम्प्रदायिक दंगे कराने, देश की सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने व देश की शांतिपूर्ण माहौल को हिंसा से तबाह करने चाहते हैं। राजनीतिक वैमनस्यता और चुनावी लाभ प्राप्त करने के लिए यह सुनियोजित योजना है।

राजनीतिक संगठनों के महत्वपूर्ण व्यक्तियों के नागरिकता कानून को लेकर एक दूसरे के खिलाफ जहर उगलने के प्रोगाम निर्धारित हो चुके हैं। बहराल देर सबेर शाहीन बाग का सच तो लोगों के सामने आ ही रहा है। नागरिकता संशोधन कानून के विरोध करने वाले अपने स्वार्थपरता और लालच के कारण सिर्फ और सिर्फ इस देश में हंगामा ही खड़ा करना चाहते हैं....

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