रक्त में कोलेस्ट्रोल बढऩे का सीधा मतलब है हृदय रोग होना। हृदय रोग होने का मतलब है जीवन को खतरा। यह आमतौर पर वंशानुगत रोग है फिर भी खानपान की गलतियों के कारण किसी को भी हो सकता है।
क्यों बढ़ता है कोलेस्ट्रोल और कैसे पाए इससे छुटकारा
- कोलेस्ट्रोल का अपना रंग पीला होता है। हल्का पीला सा।
- यह चर्बी या वसा लिए होता है
- कोलेस्ट्रोल का होना जरूरी है मगर सामान्य से अधिक हानिकारक।
- हमारे भोजन का 30 प्रतिशत तक का भाग कोलेस्ट्रोल ही है। यह जिगर में बैठता है और भोजन से ही बनता है और यह हमारे शरीर को हमारे भोजन से ही प्राप्त होता है।
यह वसा हमारे भोजन मेें विद्यमान निम्नलिखित पदार्थो की ही उत्पत्ति हैः-
(1) शराब
(2) धूम्रपान
(3) मक्खन
(4) घी
(5) तले पदार्थ
(6) तेल
(7) अंडा
(8) मांस
(9) कोई भी अन्य चर्बी युक्त पदार्थ।
कोलेस्ट्रोल कम करने के लिए व्यायाम, परहेज व उपचार-
व्यायाम- योगासन, प्राणायाम, हलके व्यायाम, तैरना, खेलना, पैदल चलना-बड़े कदमों से, साईकिल चलाना, कम से कम समय आराम करना, शरीर चलाए रखना।
परहेज- अधिक फलों का प्रयोग। फल ऐसे हों जो पेड़ पर ही पके हों, हरी सब्जियां खाना, सैर करना-लेटे नहीं रहना,
जिन कारणों से यह रोग होते हैं, उन्हें निकाल फैंकें।
उपचार-कोलेस्ट्रोल कम करने का अर्थ है हृदय रोग का सही उपचार।
(1) इसके लिए प्रतिदिन प्रातः अंकुरित अनाज, मुुठ्ठड्ढी भर जरूर खाएं।
(2) अंकुरित दालें भी खाना आरम्भ करें।
(3) सोयाबीन का तेल अवश्य प्रयोग करें। यह भी उपचार है।
(4) लहसुन, प्याज, इनके रस, उपयोगी है।
(5) नींबू, आंवला,जैसे भी ठीक लगे, प्रतिदिन लें।
(6) खमीर तथा सूरजमुखी के बीज इस रोग को ठीक करते हैं।
(7) शराब या कोई नशा नहीं करें।
(8) ईसबगोल के बीजों का तेल आधा चम्मच, दिन में दो बार।
(9) रात के समय धनिया के बीज दो चम्मच एक गिलास पानी में मिला दें। प्रातः हिलाए और पी लें। धनिया भी
चबा कर रस निगल जाए।
(10) आप धनिया को पानी में डालकर उबाल कर पीकर लाभ उठा सकते हैं।
यदि आप अपने रक्त में कोलेस्ट्रोल की ठीक मात्रा रख सकें जो सामान्य तक रहे, बढ़े नहीं, तब आपको हृदय रोग कभी हो ही नहीं सकता।
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